नई दिल्ली, 16 दिसम्बर । आम आदमी महंगे प्याज खरीदने और खाने को लंबे वक्त से मजबूर है। हालांकि, केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अफगानिस्तान, मिस्र और तुर्की से प्याज का आयात का टेंडर जारी किया, जिसमें अफगानिस्तान और तुर्की से पहली खेप मंडियों में आनी शुरू हो गई है। इसके बावजूद प्याज की कीमत कम नहीं हो रही है। देश के अधिकांश हिस्सों में खुदरा में प्याज 115-120 रुपये किलो तक बिक रहा है।
एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर के आढ़ती एच एस भल्ला ने सोमवार को बातचीत में बताया कि दिल्ली में प्याज का थोक भाव 75 रुपये से 100 रुपये किलो तक रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से आयातित प्याज भी थोक में 75 रुपये किलो तक बिके हैं। भल्ला ने कहा कि प्याज की आवक अभी कम है। इसकी बड़ी वजह प्याज के मुख्य उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में फसल का खराब होना है। उन्होंने कहा कि किल्लत अगले दो महीने तक बनी रहेगी।
प्याज के आढ़ती भल्ला ने कहा कि पुणे में भी प्याज थोक में 120 से 125 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि जब थोक में प्याज महंगा है तो खुदरा में दिल्ली में भाव 120 रुपये किलो तक यदि है। तो खुदरा विक्रेता ढुलाई खर्च, 7 फीसदी बाजार का खर्च और अपना मुनाफा उसमें शामिल कर ग्राहक को बेचता है।